बदनावर में बागी के कारण भाजपा की राह मुश्किल, चार ने लिए नाम वापस।

मनोज कवि

बदनावर। बागी राजेश अग्रवाल ने नाम वापस नहीं लिया है। इस कारण भाजपा की राह मुश्किल हो गई है। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। प्रदेश नेतृत्व के भारी दबाव के बावजूद वे नहीं माने। नामांकन वापस लेने के एक दिन पूर्व ही अग्रवाल अज्ञातवास में चले गए तथा अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। इस कारण किसी से उनका संपर्क नहीं हो पाया। इसके पूर्व रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी उन्हें मनाने पहुंचे थे, लेकिन उनसे भी अग्रवाल ने मुलाकात नहीं की। उनके काका अशोक अग्रवाल के माध्यम से उन्होंने संदेश दिया था कि वे कि सी भी कीमत पर उम्मीदवारी वापस नहीं लेंगे। 

स्थानीय नेताओं ने बुधवार दोपहर 3 बजे तक उनका इंतजार किया, लेकिन वे नहीं आए। अग्रवाल पिछले कई चुनाव से भाजपा से टिकट मांगते चले आ रहे थे। पिछले चुनाव में भी उन्होंने निर्दलीय फॉर्म भरा था। तब प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के समझाने पर वे मान गए थे व फॉर्म इस आश्वासन के साथ वापस ले लिया था कि अगली बार उनका ध्यान रखा जा सकता है।

अधिकृत प्रत्याशियों को बगावत पड़ी है भारी


यहां कांग्रेस या भाजपा में जब भी बगावत हुई है, तब-तब अधिकृत प्रत्याशियों को मुंह की खाना पड़ी है। 1998 में कांग्रेस में बगावत के कारण पराजय का मुंह देखना पड़ा था। तब राजवर्धनसिंह दत्तीगांव कांग्रेस के उम्मीदवार मोहनसिंह बुंदेला के सामने ताल ठोककर खड़े हो गए थे। 2003 व 2008 में बगावत के कारण भाजपा की हार हो गई थी। तब भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी खेमराज पाटीदार के सामने क्रमशः प्रकाश सावंत एवं रमेश पटेल रोड़ा बनकर खड़े हो गए थे। 1985 में कांग्रेस के रघुनाथसिंह माथुर के सामने कांग्रेस के ही सादिक अली बोहरा के खड़े होने के कारण कांग्रेस हार गई थी। इस चुनाव में अग्रवाल कांग्रेस एवं भाजपा दोनों को ही नुकसान पहुंचाएगे, लेकिन भाजपा को ज्यादा क्षति पहुंचेगी। उनकी पाटीदार एवं मुस्लिम मतदाताओं में अच्छी पकड़ है। अगर वे दमखम से लड़े, तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।


आठ मैदान में


चार प्रत्याशियों के नाम वापसी के बाद अब मैदान में आठ प्रत्याशी रह गए हैं। राजेश अग्रवाल ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वहीं कांग्रेस के बागी प्रत्याशी के साथ तीन अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिए हैं। निर्वाचन अधिकारी प्रतापसिंह चौहान ने बताया कि अंतिम सूची के मुताबिक भंवरसिंह शेखावत भाजपा, राजवर्धनसिंह दत्तीगांव कांग्रेस, समरथ कश्यप बसपा, विक्रम सोलंकी गोणवाना गणतंत्र पार्टी, शैलेंद्रकुमार शर्मा आप एवं संदीप पंवार प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी मैदाना में हैं। इसके अलावा राजेश अग्रवाल एवं मुकेश कुमार मंडलोई निर्दलीय प्रत्याशी होंगे। इन्हें क्रमशः ट्रैक्टर चलाता कि सान व बांसुरी चुनाव चिन्ह दिया गया है। कांग्रेस के बागी अभिषेकसिंह राठौर, निर्दलीय राजेश मुनिया, दुलीचंद्र सिर्वी एवं बाबू खां ने फॉर्म उठा लिया है। इस चुनाव में आठ उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं। जबकि 2013 में सात उम्मीदवार थे।

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