वही पूर्व कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव क्षेत्र सक्रिय
रिपोर्टर-विश्वाससिंह पंवार
बदनावर। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अब सरगर्मीया तेज हो गई है। कांग्रेस व भाजपा दोनो दलो ने अपनी-अपनी रणनीतियां बनाना शुरू कर दी है। यह विधानसभा चुनाव वर्तमान विधायक भंवरसिंह शेखावत व पूर्व विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव दोनो के लिए अहम माना जाएगा। वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान विधायक भंवरसिंह शेखावत इस बार बदनावर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के मूड में नही है। सम्भावना है कि पार्टी हाईकमान से टिकट भी कट सकता है। ऐसे में विधानसभा के मजबूत दावेदार मनोज सोमानी,राजेश अग्रवाल,महेंद्रसिंह चाचूबना हो सकते है।
कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय उम्मीदवार भी विधानसभा टिकट की दावेदारी को लेकर सक्रिय नजर आ रहे हैं,इनमे राजवर्धन सिंह दात्तीगाव,जीपीसिंह राठौर प्रमुख रूप से दावेदारी पेश कर रहे है,वही प्रदेश काँग्रेस पार्टी व श्री मंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास राजवर्धनसिंह को ही टिकट मिलने कि संभावना जताई जा रही है। वही गुपचुप तरीके से चल रही खबरों के अनुसार राजवर्धन सिंह को अगर पार्टी प्रदेश चुनाव की जिम्मेदारी सौपती है तो बदनावर सीट से वे अपने छोटे भाई हर्षवर्धनसिंह को चुनाव में उतार सकते है।
भाजपा की ओर से पूर्व विधायक खेमराज पाटीदार,महेंद्रसिंह (चाचू बना), मनोज सोमानी, राजेश अग्रवाल आदि के नाम चल रहे है जिसमे मनोज सोमानी,राजेश अग्रवाल मजबूत उम्मीदवार के रूप में सामने आ रहे है।
कांग्रेस की ओर से प्रमुख दावेदार में पूर्व विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव है। वही मनीष बोकड़िया,अभिषेकसिंह राठौर भी अपने स्तर से तैयारियों में जुट गए है।
हालांकि विधानसभा चुनाव लगभग 4 माह बाद होने वाले है। किंतु अभी से जोडतोड शुरू हो गया है। अगर इस बार भाजपा वर्तमान विधायक शेखावत को मैदान में उतारती है तो इस बार भी मुकाबला वर्तमान विधायक भंवरसिंह शेखावत व पूर्व विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव के बीच होगा। ऐसा माना जा रहा है। दोनो दलो ने अपने वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओ को मनाना शुरू कर दिया है। कार्यकर्ताओ की पुछपरख भी होने लग गई है। शेखावत व दत्तीगांव दोनो क्षेत्र मे सक्रिय है। कांग्रेस की ओर से दत्तीगांव का टिकट फायनल माना जा रहा है। वही शेखावत के लिए स्थानीयवाद का मुददा जरूर परेशानी खडी कर सकता है। यहां भाजपा मे शेखावत के अलावा स्थानीयवाद के मुददे पर पूर्व विधायक खेमराज पाटीदार, मप्र तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण उपाध्यक्ष महेन्द्रसिंह चाचूबना पिपलीपाडा, भाजपा जिला महामंत्री मनोज सोमानी, पूर्व मंडी बोर्ड डायरेक्टर राजेश अग्रवाल दावेदार बताए जा रहे है। आने वाले दिनो मे स्थानीयवाद का मुददा जरूर सामने आ सकता है। अभी तो दोनो दलो की ओर से रूठो को मनाने व कार्यकर्ताओ को सक्रिय करने का दौर चल रहा है। आने वाले दिनो मे क्षेत्र की राजनीति मे कई ओर समीकरण बनेगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है।
साढ़े चार वर्षों में भाजपा नेता हुए दरकिनार
विधायक भंवरसिंह शेखावत के कार्यकाल में क्षेत्र के व स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर वन मेन शो पूरी विधानसभा में चलाया गया। जिस कारण क्षेत्र के कई दिग्गज नेता भी विधायक को लेकर अपनी नाराजगी कई बार प्रकट कर चुके हैं। पश्चिम क्षेत्र के भाजपा नेता महेंद्रसिंह चाचूबना को भी कई सार्वजानिक कार्यक्रमों में दरकिनार किया गया। 5 साल पहले जो भाजपा नेता विधानसभा सहित नगर में हमेशा एक्टिव रहते थे, वह भी शेखावत के विधायक बनने के कुछ दिनों बाद चुपचाप सिमट गए। जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों सहित स्थानीय लोगों के भी कई शासकीय, अर्द्धशासकीय कार्यों में विगत वर्षों में परेशानियां आई। विधायक स्थानीय नहीं होने के कारण कुछ समय के लिए विधायक कार्यालय आकर वापस अपने ग्रहगांव को निकल जाते है।
कांग्रेस में हो गई एकजुटता
कुछ कार्यकर्ताओ मे पूर्व विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव की कार्य शैली को लेकर जरूर मनमुटाव है। फिर भी आज कांग्रेस एकजुट दिखाई दे रही है।
नगर के अमित जैन (विक्की) और पूर्व विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव की मित्रता भी गत वर्षो में घनिष्ठता तक पहुंच गई है। जबकि पहले दोनों में छत्तीस का आंकड़ा था जो कि जगजाहिर है। अमित जैन भी क्षेत्र का एक जाना पहचाना नाम है। सामाजिक क्षेत्र सहित शिक्षा के क्षेत्र में नगर को प्रगति पथ पर आगे ले जा रहे हैं। दिग्विजयसिंह सरकार में इनके मामा सुभाषकुमार सोजतिया स्वास्थ्य मंत्री थे। जिस वजह से अमित जैन की भी सभी प्रशासनिक अफसरों सहित पार्टी संगठन में खासी पकड़ है। इसका भी फायदा कांग्रेस को मिलेगा। वही सभी कांग्रेसियों के एकजुटता के कारण आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अच्छा खासा फायदा होने वाला है। एक ओर फायदा कांग्रेस को मंडलम में हुई नियुक्तियां व कार्यकर्ताओं के जोश से मिलेगा।
बेहतरीन
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