संत और समाज मिलकर बना सकते हैं राम मंदिर।
कोटेश्वर महादेव धाम में 8 दिसंबर से महायज्ञ, प्रेसवार्ता में बोले नर्मदानंदजी।
मनोज कवि
बदनावर-राम मंदिर एक ऐसा विषय है इसका वर्तमान में राजनीतिक तरीके से प्रस्तुतीकरण हो गया है। राम मंदिर बनाने के लिए पार्टी में भी बहुमत आवश्यक है क्योंकि लोकसभा में कोई विधयेक पारित होता है लेकि न राज्यसभा में बहुमत नहीं हो तो पारित नहीं हो पाता। जबकि रामलला तो अध्यात्म की एक धरोहर की पहचान है। त्रेतायुग के अंतिम दौर में राम का जन्म हुआ है। आठ लाख साल बाद भी यह स्थिति निर्मित हो गई है कि अयोध्या में प्रभु राम का मंदिर ही नहीं है और कब बनेगा, कौन बनाएगा या बनेगा कि नहीं इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। संत कोई पार्टी नहीं होते वे तो के वल विचारक होते हैं। सनातन धर्म में प्रत्येक संत की भावना है कि अयोध्या में राम मंदिर बने लेकि न जब तक संत और समाज एक नहीं होंगे, राम मंदिर का बनना मुश्किल है।
यह बात नजर निहाल आश्रम ओंकारेश्वर के संस्थापक नर्मदानंदजी बापजी महाराज ने कही। वे कोटेश्वर में महायज्ञ की तैयारियों के संबंध में यहां आए थे। उप्र के मुख्यमंत्री योगीजी के बयान पर कहा कि वर्ण व्यवस्था से ऊपर उठकर हनुमानजी आते हैं। वे विश्व की हृदयगति को चलाने वाले हैं। हनुमानजी अपनी जगह हैं, वे पवनपुत्र हैं, इस भारत गति को चलाने वाले। कु छ स्थानों पर तो मुस्लिम भी हनुमानजी की पूजा-अर्चना करते हैं। मां नर्मदा प्रदेश की जीवनदायिनी नदी है। यही एकमात्र ऐसी नदी है जो अपने उद्गम स्थल से लेकर समुद्र में मिलने तक पवित्र और पानी पीने योग्य है जबकि गंगा का पानी हरिद्वार के बाद पीने योग्य नहीं है। इसके कि नारों को कटाव से बचाने के लिए पर्यावरण को बढ़ावा देना है। इसके लिए पेड़ लगाने की जरूरत है। छोटी नदियों को बचाने की भी जरूरत है।
16 हजार वर्गफीट का पंडाल
प्राचीन तीर्थ कोटेश्वर महादेव धाम पर 8 दिसबंर से सात दिवसीय 108 कुंडीय अतिरुद्र महायज्ञ बापजी के सान्निाध्य में प्रारंभ होगा। इसमें राजस्थान, गुजरात सहित प्रदेशभर से श्रद्धालु शामिल होंगे। इसमें 108 मुख्य यजमानों के साथ 108 सहायक यजमान मिलकर गाय के शुद्ध देशी 108 कि लो घी की आहुतियां देंगे। 125 ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के हवन एवं धार्मिक आयोजन संपन्ना करवाया जाएगा। हवन की तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिए करीब 16 हजार वर्गफीट का पंडाल तैयार कि या जा रहा है। आयोजन के दौरान श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन भी होगा। साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य परीक्षण के लिए तीन दिवसीय निशुल्क शिविर भी लगेगा। इसमें विशेष वैद्य उपचार कर निशुल्क औषधियां प्रदान करेंगे। 15 दिसंबर को समापन होगा।
बदनावरकार्यक्रम को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही है। श्रदालुओ में भी उत्साह देखा जा रहा है।
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